हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,कर्बला और नजफ के रास्ते में एक ईसाई मौकिब द्वारा हज़रत इमाम हुसैन अ.स के चेहलूम के मौके पर ज़ायरीन की सेवा करते हुए
नजफ़ और कर्बला के बीच अरबईन तीर्थयात्रियों के मार्ग पर जो दुनिया के विभिन्न देशों और विभिन्न धर्मों के मौकिबों से भरा होता है और ये सभी इमाम हुसैन अ.स.और उनके भाई अबुल फजल अलअब्बास अ.स.के तीर्थयात्रियों को सेवाएँ प्रदान करते हैं, एक ईसाई मौकिब भी होता है।
इस मौकिब पर ईसाई और मुस्लिम शामिल हैं जो अरबईन तीर्थयात्रियों की सेवा कर रहे हैं और वह भोजन, पेय और अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
दुनिया भर में मिल्यून मुसलमान अरबईन मनाते हैं जो इमाम हुसैन अ.स.और उनके साथियों की शहादत का 40वां दिन है।
हज़रत इमाम हुसैन अ.स.की अरबईन को दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय घटना माना जाता है और इस दौरान शोक जुलूस निकाले जाते हैं और इराक़ और दुनिया भर से मिल्यून लोग इमाम हुसैन अ.स. और हज़रत अब्बास अ.स. की दरगाह पर ज़ियारत करने के लिए कर्बला की धरती पर आते हैं।